ये चेहरा सच है या आईना जुठा है कुछ भी समझ में नहीं आता है जब से दिल टूटा है। मत करना यारों किसी अजनबी पर भरोसा इस नफरत की दुनिया में ये जमाना बहुत जुठा है।
कोई हसाता हैं तो कोई रुलाता है दिल में रहने वाला दिल तोड़ ही जाता है। बड़ा मुश्किल हो जाता उसके बिना जी पाना जब कोई अपना बना कर साथ छोड़ जाता हैं।
हर कोशिश मेरी नाकाम रही उसे भुलाने की हसाकर उसको सजा मिली है मुझे रोने की। कभी सोचता हूं उसके बारे में तो आंखे नम हो जाती है फिर हिम्मत नहीं होती हैं दोबारा दिल लगाने की।
तु ना समझे तो तुझे समजाऊ कैसे मेरी मोहब्बत का एहसास तुझे दिलाऊ कैसे। उल्फत कि राहों में चाहत का सौदा करने वाले जरा इतना तो बता दें कि ये वादा में अकेला निभाऊ कैसे।