मजबुर हूं तेरी मोहब्बत में मुझे पागल मत समझना खून के आंसु बहाए है तेरी यादों में मुझे कातिल मत समझना। कि जानी मजबूर हूं तेरी मोहब्बत में मुझे पागल मत समझना। खुन के आंसु बहाए हैं तेरी यादों में मुझे कातिल मत समझना। वादा किया है तुझे उम्र भर साथ निभाने का अगर जिन्दगी दगा दे जाए तो मुझे बेवफा मत कहना। साथ अगर छोड़ा तो जिन्दगी बिखर जायेगी ये जुल्फे नहीं जो बार बार सवर जाएगी। हमदर्दी है अगर तो हालचाल पुछ लेना पर झूठे वादों के सहारे कभी प्यार मत करना। तेरे दिल की किताब में लिखा है सुखराम सोलंकी का नाम वक्त मिले तो कभी पढ़ लेना मेरा पैगाम। सितम चाहें कुछ भी हो हर गम उठा लुंगा तेरी चाहत में सनम पर एकरार करके तु कभी इनकार मत करना।