Teri Yaadein Shayari

 

तेरी यादें तेरी बाते तेरी खामोशी। तेरा जिक्र तेरा फिक्र अब सब कुछ परेशान करता हैं।
तू मुझमें रहे या मे तुझमें रहु एक ही बात है। यू तेरा छोड़ के जाना मुझे नादान सा लगता हैं।
कुछ बोलते नहीं लब्ज़ ये मेरे खामोश से रहते है। वो लब्ज जिन्दा तो है मगर बेजुबान सा लगता हैं।
क्या खोया क्या पाया क्या से क्या हुए इश्क में। जाने क्या जुल्म हुआ दिल ये बेजान सा लगता हैं।
अब कुछ होश नहीं रहता न कुछ खबर है रहती। तेरी यादों में खोया मेरा ये दिल हैरान सा लगता हैं।
जो थी कभी हमारी अब किसी और की मोहब्बत है। ये सोच कर मन मेरा उदास रहता हैं।

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