तेरी तस्वीर को सीने से लगा लेता हूं इस तरह जुदाई का गम उठा लेता हूं। दिल तो आज भी रोता है तेरी यादों में क्या सुनाई देती है तुझे मेरी आवाज। जब भी तेरी याद आती हैं हंसकर भीगी पलको को झुका लेता हूं। जालिम तु जाने जुदाई का आलम हर पल तेरे ख्यालों में खोया रहता हूं। मुश्किल है इस दर्द को छुपाना लेकिन क्या करू दिल को जलाकर होंठो पर मुस्कान रखता हूं। तुझे मिलने की तमन्ना आज भी दिल में जिंदा हैं क्या कर सकती है तु मेरा दिदार तो बता आज भी तेरा हों सकता हूं। दिवाना हूं तेरा मुझे ये इनकार नहीं कैसे कहूं कि तुझसे प्यार नहीं। प्यार तो हैं मगर कितना है ये बता नहीं सकता हूं।