जिन्दगी तेरे नाज हम उठाते चले गए तेरे साज पे गीत गाते चले गए
जहां जहां तुने रास्ता दिखा दिया कदम हम वहा बढ़ाते चले गए
दिखाए जब जब तुने मंजर बहारो के फुल खुशियों के दिल में खिलाते चले गए
भा गई रोनके तेरी महफ़िल की यू गम वफाओ के हम भी सजाते चले गए
चुरा लिए तुने कहीं हमारे सुनहरे पल कहीं हम भी बेवजह जुलूस लुटाते चले गए
कभी तुने दर्द दिया दिल ऐ नादान को कभी अपनो से धोखा हम खाते चले गए
दिखाए थे गुल जो तुने अपने गुलशन के वो बन के कांटे दिल को दुखाते चले गए
कभी तुने दिखाई हकीगत अपनी हम उल्फत कि लहरों में बहते चले गए
कभी इम्तिहान तु हमारा लेती रही हम गम के सपनों में डूबते चले गए
जिंदगी तेरे नाज हम उठाते चले गए तेरे साज पर गीत गाते चले गए