Saath Ager Doge To Muskurayenge Jarur

साथ अगर दोगे तो मुस्कुराएंगे जरुर
प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे जरूर
कितने भी कांटे क्यों न हो राहो में
आवाज अगर दिल से दोगे तो आयेंगे जरुर

शायरी का शोक नहीं है जनाब
दिल की दास्तां सुनाता हूं
गम भुलाने के लिए मुस्कुराने की वजह ढूंढता हूं
पूरा दिन उसकी यादों में रहता हूं
रात होते ही उसे सपनों में समेट लेता हूं
लोग कहते है मुझे की वो पागल है
पर उन्हें कोन समझाए की में तन्हा केसे जीता हूं

रात के अंधेरे में सारा जहां सोता हैं
लेकिन किसी की याद में एक दिल रोता हैं
खुदा करे किसी पर कोई फिदा न हो
अगर हो तो मौत से पहले जुदा न हो

हाथ थाम कर भी तेरा सहारा न मिला
में वो लहर हूं जिसे किनारा न मिला
मिल गया मुझे जो कुछ भी चाहा मेने
मिला नहीं तो सिर्फ साथ तुम्हारा न मिला
वैसे तो सितारों से भरा हुआ है आसमान मिला
मगर जो हम ढूंढ रहे थे वो सितारा न मिला
कुछ इस तरह से बदली पहर जिंदगी की हमारी
फिर जिसको भी पुकारा वो दुबारा न मिला
एहसास तो हुआ उसे मगर देर बहुत हो गई
उसने जब ढूंढा तो निशान भी हमारा न मिला

कभी किसी से प्यार मत करना
हो जाए तो इनकार मत करना
चल सको तो चलना उस राह पर
वरना किसी की जिन्दगी खराब मत करना



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